जबलपुर को स्वच्छता की रैंकिंग में टॉप पर लाने की कवायद, मलिन बस्तियों में चला निगम का विशेष अभियान



 जबलपुर। शहर को स्वच्छता के शिखर पर पहुँचाने और आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण में अव्वल स्थान दिलाने के उद्देश्य से नगर निगम जबलपुर ने व्यापक जन-जागरूकता अभियान शुरू किया है। निगमायुक्त राम प्रकाश अहिरवार के नेतृत्व में निगम की टीम ने पंडित मदन मोहन मालवीय वार्ड अंतर्गत संभाग क्रमांक 12 की मलिन बस्तियों में घर-घर पहुँचकर नागरिकों को कचरा पृथकीकरण का महत्व समझाया।

पांच श्रेणियों में होगा कचरे का वैज्ञानिक निपटान

अभियान के दौरान अधिकारियों ने नागरिकों को बताया कि अब कचरे का निपटान केवल सूखा और गीला तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उसे पांच अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। इसके लिए पांच रंगों के डिब्बों की उपयोगिता समझाई गई—

  • नीला डिब्बा (सूखा कचरा): प्लास्टिक, कागज, कांच और धातु

  • हरा डिब्बा (गीला कचरा): रसोई अपशिष्ट, फल-सब्जियों के छिलके

  • पीला डिब्बा (बायो-वेस्ट): डायपर, सैनिटरी नैपकिन, टिशू पेपर

  • काला डिब्बा (हानिकारक कचरा): एक्सपायर्ड दवाइयां, पेंट, कीटनाशक

  • लाल डिब्बा (ई-वेस्ट): खराब मोबाइल, चार्जर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान

जनसंवाद से बदली तस्वीर

अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान और मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक हर्षा पटेल की मौजूदगी में निगम अमले ने डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण वाहनों के साथ क्षेत्र का भ्रमण किया। निगमायुक्त ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कचरे का वैज्ञानिक और सुरक्षित निपटान तभी संभव है, जब कचरा अपने स्रोत पर ही अलग किया जाए। इससे लैंडफिल साइट्स पर दबाव कम होगा और शहर की स्वच्छता व्यवस्था मजबूत बनेगी।

अभियान का स्थानीय रहवासियों ने सकारात्मक स्वागत किया। कई नागरिकों ने कचरा पृथक कर ही संग्रहण वाहनों को देने का संकल्प लिया। निगमायुक्त ने शहरवासियों से अपील की कि वे इंदौर की तर्ज पर जबलपुर को भी कचरा मुक्त और स्वच्छ शहर बनाने में सक्रिय भागीदारी निभाएं।

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