नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को तीन दिवसीय यात्रा पर दक्षिण अफ्रीका रवाना हुए, जहां वह अफ्रीका महाद्वीप में पहली बार आयोजित हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। जोहानसबर्ग में पीएम मोदी जी20 के साथ-साथ छठे आईबीएसए (भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे।
दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं शिखर सम्मेलन में भारत का दृष्टिकोण प्रस्तुत करूंगा, जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के हमारे आदर्शों के अनुरूप है।”
विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी (ईआर) सुधाकर दलेला ने बताया कि जी20 एक महत्वपूर्ण फोरम है, जहां पिछली बार सदस्य देशों ने कई अहम विषयों पर आम सहमति बनाई, पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए और ग्लोबल साउथ से जुड़े मुद्दों पर नई पहल की। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका की प्रेसीडेंसी के दौरान ये चर्चाएं चार प्रमुख वर्टिकल्स—सॉलिडैरिटी, इक्वालिटी, सस्टेनेबिलिटी और डेवलपमेंट—के तहत और मजबूत हुई हैं।
दलेला ने बताया कि पूरे साल अलग-अलग ट्रैक पर कई उपलब्धियां हासिल की गईं, जिनसे ग्लोबल साउथ के मुद्दों को केंद्र में लाने में मदद मिली है। जी20 में दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं, जो वैश्विक जीडीपी का 85 प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 75 प्रतिशत हिस्सा रखती हैं। साउथ अफ्रीका ने अपनी प्रेसीडेंसी में ‘सॉलिडैरिटी, इक्वालिटी, सस्टेनेबिलिटी’ को प्रमुख थीम बनाया है, जिसके इर्द-गिर्द चर्चा और पहलें आगे बढ़ाई जा रही हैं।
