कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को एक पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को तुरंत रोकने की मांग की है। ममता बनर्जी ने एसआईआर को 'खतरनाक, बिना प्लान वाला और अमानवीय' बताया। पत्र में उन्होंने लिखा कि तीन महीने में जो काम पहले तीन साल में होता था, उसे जबरदस्ती थोपने से पूरा सिस्टम चरमरा गया है। बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) पर इतना बोझ डाला जा रहा है कि वे इंसानी हद से ज्यादा काम कर रहे हैं। ट्रेनिंग नहीं दी गई, सर्वर बार-बार फेल हो रहा है, ऑनलाइन फॉर्म भरने में दिक्कत है और टाइमलाइन नामुमकिन है। मुख्यमंत्री ने सबसे दुखद उदाहरण दिया कि जलपाईगुड़ी के माल इलाके में एक आंगनवाड़ी वर्कर ने एसआईआर के भारी दबाव में आत्महत्या कर ली। इसके बाद से कई और लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कागजी काम नहीं, लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ है।ममता ने बताया कि अभी बंगाल में धान की कटाई और आलू की बुआई का पीक सीजन चल रहा है। लाखों किसान-मजदूर खेतों में लगे हैं। वे घर बैठकर फॉर्म कैसे भरें? ऊपर से बीएलओ को धमकियां मिल रही हैं, कारण बताओ नोटिस थमा दिए जा रहे हैं।
पत्र में ममता बनर्जी ने साफ कहा कि यह प्रक्रिया हमारी लोकतंत्र की नींव को हिला रही है। गलत या अधूरी एंट्री के डर से लाखों असली वोटरों का नाम कट सकता है। बीएलओ और आम लोगों पर जो दबाव डाला जा रहा है, वह बर्दाश्त से बाहर है।
अंत में मुख्यमंत्री ने अपील की है कि तुरंत यह प्रक्रिया रोकी जाए, सही ट्रेनिंग और सपोर्ट दिया जाए, टाइमलाइन बढ़ाई जाए और पूरी प्रक्रिया की फिर से समीक्षा की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अभी नहीं सुधारा गया तो नतीजे बहुत भयानक होंगे और लोकतंत्र की साख को ठेस पहुंचेगी। राज्य में पहले से ही इस रिवीजन को लेकर तनाव है। कई जगह लोग विरोध कर रहे हैं।
इससे पहले बुधवार को सीएम ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करके दावा किया था कि मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दबाव में एक आंगनवाड़ी वर्कर सह बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ने खुदकुशी कर ली है।
