जबलपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और युवाओं को स्वयं का उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कलेक्टर जबलपुर द्वारा 'उद्यम संस्कार शिविर' का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों का मुख्य लक्ष्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की स्थापना कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करना है।
अधिकारियों का प्रशिक्षण और शिविरों की रणनीति
24 दिसंबर 2025 से विभिन्न पंचायतों के क्लस्टर मुख्यालयों में आयोजित होने वाले इन शिविरों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए आज जिला पंचायत सभाकक्ष में एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक गेहलोत की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारियों और क्षेत्रीय अमले को विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया। श्री गेहलोत ने बताया कि इन शिविरों के माध्यम से युवाओं को न केवल स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा, बल्कि उन्हें सीधे शासकीय योजनाओं से भी जोड़ा जाएगा। इस दौरान अतिरिक्त सीईओ मनोज सिंह ने भी उपस्थित अधिकारियों को क्रियान्वयन के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।
युवाओं को जोड़ने का ऐसा है रोडमैप
प्रशिक्षण में युवाओं को लाभान्वित करने वाली विभिन्न योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। जिसमेंउद्योग विभाग के महाप्रबंधक विनीत रजक ने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, उद्यम पंजीयन और संभावित उद्योगों की सूची साझा की। श्रीमती नेहा पटेल ने खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी।आदिम जाति व अनुसूचित जाति विभाग: भगवान बिरसा मुंडा योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर योजना, टंट्या मामा योजना और सावित्रीबाई फुले योजना के बारे में विस्तार से बताया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उद्योग, ग्राम पंचायत, ट्राइबल, उद्यानिकी, अनुसूचित जाति विभाग और बैंक अधिकारी उपस्थित रहे। प्रशासन का लक्ष्य है कि प्रत्येक पंचायत स्तर पर लघु उद्योगों का जाल बिछाकर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए।
