जबलपुर। खगोलीय दृष्टि से 21 दिसंबर यानी रविवार का दिन खास महत्व रखता है। आज साल का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होगी। इस खगोलीय घटना को विंटर सोल्स्टिस (शीतकालीन संक्रांति/शीतकालीन अयनांत) कहा जाता है। पृथ्वी के अपनी धुरी पर झुकाव के कारण यह स्थिति बनती है, जिसका असर देशभर में दिखाई देगा। उत्तरी गोलार्द्ध में सूर्य की किरणें तिरछी पड़ने से दिन-रात की अवधि में यह बदलाव आता है। मध्यप्रदेश में रविवार को औसतन दिन 10 घंटे 44 मिनट का रहेगा, जबकि शेष समय रात होगी। इस घटना के बाद से दिन धीरे-धीरे बढ़ने लगेंगे।
पृथ्वी का झुकाव और दिन-रात का विज्ञान
खगोल विज्ञानियों के अनुसार पृथ्वी अपने कक्षीय तल पर लगभग 23.5 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है। पृथ्वी का आकार भू-आभ (गोलाकार) होने के कारण एक समय में इसके आधे हिस्से पर ही सूर्य का प्रकाश पड़ता है। रविवार को सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध से अपनी अधिकतम दूरी पर होगा, जिससे किरणें अधिक तिरछी पड़ेंगी और दिन की अवधि न्यूनतम हो जाएगी, जबकि रात सबसे लंबी होगी।
जबलपुर में समय का गणित
मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में रविवार को करीब 13 घंटे 16 मिनट तक अंधेरा रहेगा। जबलपुर में आज सुबह 6:57 बजे सूर्योदय और शाम 5:39 बजे सूर्यास्त होगा। इस तरह शहर में दिन की अवधि करीब 10 घंटे 42 मिनट रहेगी। प्रदेश स्तर पर औसतन दिन 10 घंटे 44 मिनट का दर्ज किया जाएगा।
सोमवार से सूर्य के उत्तरायण की ओर बढ़ने की प्रक्रिया शुरू होगी और इसके साथ ही दिन की लंबाई धीरे-धीरे बढ़ने लगेगी।
