सर्दियों का मौसम शरीर के लिए कई छुपी हुई परेशानियां भी साथ लाता है। ठंडी हवा, कम धूप और सुस्त दिनचर्या का सीधा असर मांसपेशियों पर पड़ता है। खासतौर पर गर्दन और कंधों में दर्द की शिकायत इस मौसम में तेजी से बढ़ जाती है। अक्सर लोग इसे सामान्य ठंड या थकान मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों मानते हैं कि समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह समस्या आगे चलकर नसों, जोड़ों और मांसपेशियों से जुड़ी गंभीर परेशानी का रूप ले सकती है।
इन कारणों से मांसपेशियां करती है दर्द
सर्दियों में धूप कम मिलने से शरीर में विटामिन-D की कमी हो सकती है, जिससे मांसपेशियां कमजोर और सख्त होने लगती हैं। इसके अलावा ठंड में लोग शारीरिक गतिविधि भी कम कर देते हैं। लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठना, मोबाइल या लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल गर्दन और कंधों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। इसी कारण सुबह उठते ही गर्दन जमी हुई लगती है और दिनभर कंधों में भारीपन बना रहता है।
आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में शरीर में वात दोष बढ़ जाता है। वात दोष का संबंध सूखापन, जकड़न और दर्द से होता है। ठंडी हवा मांसपेशियों और जोड़ों को सख्त बना देती है। वहीं विज्ञान कहता है कि ठंड लगने पर रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे गर्दन और कंधों तक खून का प्रवाह कम हो जाता है। जब मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिलता, तो दर्द और अकड़न शुरू हो जाती है। इसलिए सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म और सक्रिय रखना बेहद जरूरी है।
जानिए मांसपेशियों के अकड़न को दूर करने के उपाय
यहां पर हम आपको मांसपेशियों में अकड़न दूर करने वाले उपायों के बारे में बता रहे है जो आपके लिए असरदार रहेंगे।
1- तेल से मालिश करना
इस समस्या से राहत पाने के लिए सबसे असरदार देसी उपाय है गर्म तेल से मालिश। तिल या सरसों का तेल हल्का गर्म करके गर्दन और कंधों पर लगाने से मांसपेशियों तक गर्माहट पहुंचती है। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और जमी हुई मांसपेशियां धीरे-धीरे ढीली पड़ने लगती हैं। आयुर्वेद में इसे अभ्यंग कहा गया है, जो वात दोष को संतुलित करने में मदद करता है।
2- गर्म पानी की सिकाई
सिकाई भी दर्द कम करने का आसान तरीका है। गर्म पानी की बोतल या गुनगुना तौलिया गर्दन और कंधों पर रखने से सूजन कम होती है और मांसपेशियों को आराम मिलता है। अगर दर्द के साथ सूजन ज्यादा हो, तो कुछ समय के लिए हल्की ठंडी सिकाई भी फायदेमंद हो सकती है।
3-हल्की स्ट्रेचिंग और योग
सर्दियों में हल्की स्ट्रेचिंग और योग को दिनचर्या में शामिल करना जरूरी है। गर्दन को धीरे-धीरे दाएं-बाएं घुमाना, ऊपर-नीचे झुकाना और कंधों को गोल-गोल घुमाना मांसपेशियों में जमा तनाव को कम करता है। इससे लचीलापन बढ़ता है और दर्द की संभावना घटती है।
4- सही खानपान
खानपान भी अहम भूमिका निभाता है। गर्म, ताजा और पका हुआ भोजन शरीर को अंदर से ऊर्जा देता है। अदरक, हल्दी और लहसुन जैसे मसाले सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही पर्याप्त पानी पीना भी जरूरी है, ताकि मांसपेशियों में सूखापन न आए।
5- मानसिक तनाव को देता है राहत
इसके अलावा मानसिक तनाव से भी दर्द बढ़ सकता है। रोजाना कुछ मिनट गहरी सांस लेना या ध्यान करना मन को शांत करता है। जब मन शांत होता है, तो शरीर की मांसपेशियां भी अपने आप ढीली पड़ने लगती हैं। सही दिनचर्या और देसी उपाय अपनाकर सर्दियों में गर्दन और कंधों के दर्द से काफी हद तक बचा जा सकता है।
