पन्ना। अंधविश्वास की जड़ें समाज में कितनी गहरी हैं, इसकी एक खौफनाक तस्वीर मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से सामने आई है। जहां एक ही परिवार के पांच लोग मौत के मुंह में जाते-जाते बच गए। हालांकि अभी भी डॉक्टर उनकी जान बचाने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। आइए जानते है आखिर पूरा मामला क्या है…
दरअसल, यह पूरा मामला धरमपुर जमुनिया गांव का है। जहां रात के खाने में ‘कुदवा की रोटी’ और ‘चने की भाजी’ खाना एक परिवार को भारी पड़ गया। खाना खाते ही राजकुमार, हरिराम, रिंकी, अनामिका और छोटे आदिवासी को तेज उल्टियां और चक्कर आने लगे। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि चीख-पुकार मचने के बाद परिजन उन्हें अस्पताल ले जाने के बजाय पूरी रात घर पर झाड़-फूंक करवाते रहे।
हालत जब नाजुक हो गई और झाड़-फूंक काम नहीं आई, तब ग्रामीणों की मदद से उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गुन्नौर ले जाया गया। डॉक्टरों ने इसे गंभीर फूड पॉइजनिंग बताया है। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को आज रविवार जिला अस्पताल पन्ना रेफर कर दिया गया है। फिलहाल डॉक्टर उनकी जान बचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। यह घटना सबक है कि बीमारी में दुआ और झाड़फूंक नहीं, बल्कि सही समय पर डॉक्टरी इलाज ही जान बचा सकता है।
