प्यार में क्यों अंधा हो जाता है इंसान? वैज्ञानिक रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

  


अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि प्यार में इंसान सही-गलत भूल जाता है और किसी की नहीं सुनता। अब यह बात सिर्फ कहावत नहीं रही, बल्कि विज्ञान भी इसे मानने लगा है। वैज्ञानिकों की एक टीम ने प्यार को लेकर गहन रिसर्च की है, जिसमें सामने आया है कि प्यार के दौरान इंसानी दिमाग और शरीर में ऐसे बदलाव होते हैं, जो व्यक्ति को भावनाओं के सैलाब में बहा ले जाते हैं।

प्यार ऐसा एहसास क्यों है, जो हर किसी को अपनी ओर खींचता है?

प्यार जिंदगी का वह अनुभव है, जिसे इंसान जीवनभर नहीं भूलता। फिल्मों, कहानियों और असल जिंदगी में प्यार हर जगह मौजूद है। जो लोग प्यार में होते हैं, वे इसे अक्सर नशे जैसा बताते हैं। ऐसा नशा, जिसमें दुनिया धुंधली और सिर्फ एक ही शख्स सबसे खास नजर आने लगता है।

पहली बार प्यार में पड़ते ही दिमाग में क्या बदलाव होते हैं?

जब कोई इंसान पहली बार प्यार में पड़ता है, तो उसका दिमाग उस खास व्यक्ति को बाकी सभी से अलग और बेहद जरूरी मानने लगता है। इस दौरान दिमाग का इमोशनल सिस्टम और रिवॉर्ड सेंटर तेजी से एक्टिव हो जाता है। नतीजतन, छोटी-छोटी बातें भी बेहद खास लगने लगती हैं और हर पल रोमांच से भर जाता है।

शुरुआती प्यार में इतना जोश और उत्साह क्यों होता है?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्यार की शुरुआत में शरीर में डोपामिन और नॉरएड्रेनालिन जैसे केमिकल तेजी से बढ़ते हैं। डोपामिन इंसान को खुशी और नशे जैसा एहसास देता है, जबकि नॉरएड्रेनालिन दिल की धड़कन तेज करता है और पेट में गुदगुदी जैसी फीलिंग पैदा करता है। यही वजह है कि शुरुआती प्यार में इंसान हर समय उत्साहित रहता है।

प्यार इंसान को ‘अंधा’ क्यों बना देता है?

प्यार के दौरान दिमाग का फ्रंटल कॉर्टेक्स, जो लॉजिक और समझदारी से फैसले लेने में मदद करता है, धीमा पड़ जाता है। इसी कारण इंसान सामने वाले की कमियां नहीं देख पाता और उसकी गलतियों को नजरअंदाज करता रहता है। यही वजह है कि लोग कहते हैं “प्यार अंधा होता है।”

समय के साथ रोमांटिक प्यार कैसे बदलता है?

कुछ महीनों बाद प्यार सिर्फ आकर्षण तक सीमित नहीं रहता, बल्कि भरोसे और गहरे जुड़ाव में बदल जाता है। इस समय शरीर में ऑक्सीटोसिन और वासोप्रेसिन जैसे हार्मोन बढ़ते हैं, जो सुरक्षा, विश्वास और कमिटमेंट को मजबूत करते हैं। यही केमिकल रिश्तों को लंबे समय तक टिकाए रखते हैं।

क्या प्यार सिर्फ रोमांटिक रिश्तों तक सीमित है?

अगर आप सोचते हैं कि प्यार सिर्फ रोमांटिक रिश्तों तक सीमित है, तो आप गलत हैं। ऑक्सीटोसिन परिवार, दोस्तों और पालतू जानवरों के साथ रिश्तों में भी अहम भूमिका निभाता है। रिसर्च बताती है कि सकारात्मक रिश्ते मानसिक स्वास्थ्य, खुशहाली और लंबी उम्र पर गहरा असर डालते हैं।

विज्ञान के लिए आज भी रहस्य है प्यार

हालांकि वैज्ञानिकों ने प्यार से जुड़े कई राज खोल दिए हैं, लेकिन प्यार आज भी पूरी तरह समझा नहीं जा सका है। फिर भी प्यार महसूस करना, देना और पाना इंसान की जिंदगी को खूबसूरत और अर्थपूर्ण बनाता है। शायद यही वजह है कि प्यार को दुनिया की सबसे ताकतवर भावना माना जाता है।

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