जबलपुर। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर जबलपुर सेंट्रल जेल से 6 बंदियों को रिहा किया गया। रिहा किए गए कैदियों में 1 महिला और 5 पुरुष आदिवासी बंदी शामिल हैं। यह रिहाई प्रदेश सरकार की उस नई पहल का हिस्सा है, जिसके तहत अच्छे आचरण वाले बंदियों को सजा में विशेष छूट दी जा रही है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि जेल में बेहतर व्यवहार और अनुशासन दिखाने वाले आजीवन सजा काट रहे बंदियों को कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा में राहत दी जा सकती है। इसी के तहत आज बिरसा मुंडा जयंती पर बंदियों की रिहाई की गई।
-अब साल में पाँच अवसरों पर होगी रिहाई
मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां अब साल में पाँच बार अच्छे आचरण वाले आजीवन बंदियों की रिहाई हो सकेगी।प हले रिहाई केवल इन अवसरों पर होती थी, जिनमें स्वतंत्रता दिवस,गणतंत्र दिवस,गांधी जयंती,भीमराव अंबेडकर जयंती और अब इनमें जनजातीय गौरव दिवस (15 नवंबर) भी जोड़ दिया गया है।
-7 नवंबर को जारी हुआ था आदेश
मध्यप्रदेश शासन के जेल विभाग ने 7 नवंबर को आदेश जारी कर इसे लागू किया था। उसी के तहत आज जबलपुर सेंट्रल जेल सहित प्रदेश की अन्य जेलों में भी बंदियों की रिहाई की प्रक्रिया पूरी की गई। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रदेश सरकार की यह पहल जनजातीय समुदाय के सम्मान और उनकी भूमिका को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने का महत्वपूर्ण संदेश देती है। सरकार का मानना है कि यह कदम बंदियों के सुधार, पुनर्वास और समाज में पुन: स्थापना को बढ़ावा देगा।
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