जबलपुर। कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत वाली खबर सामने आ रही है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने नियमों में बड़ा बदलाव करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। यदि यह प्रस्ताव लागू हो जाता है, तो देश के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा और उनकी सामाजिक सुरक्षा और भी मजबूत होगी।
सूत्रों के अनुसार, ईपीएफओ में अनिवार्य पीएफ और पेंशन (EPS) कटौती के लिए बेसिक वेतन सीमा 15,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए किए जाने पर मंथन चल रहा है। पहले यह सीमा 6,500 रुपए थी, जिसे 2014 में बढ़ाकर 15,000 किया गया था। बढ़ती महंगाई और वेतन स्तरों के कारण ट्रेड यूनियनें लंबे समय से इस सीमा को बढ़ाने की मांग कर रही थीं।
श्रम मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, वेतन सीमा में 10,000 रुपए की बढ़ोतरी से करीब 1 करोड़ अतिरिक्त कर्मचारी ईपीएफ और ईपीएस के दायरे में आ जाएंगे। इस कदम से न सिर्फ सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि कर्मचारियों की भविष्य निधि और पेंशन दोनों मजबूत हो सकेंगी।
बदलाव लागू होने पर कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों का मासिक योगदान बढ़ेगा, क्योंकि वर्तमान नियमों के अनुसार कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 12% पीएफ में जमा करते हैं, जिसे नियोक्ता भी बराबर मैच करता है। हाई बेसिक सैलरी होने से दोनों पक्षों का अंशदान बढ़ेगा और पेंशन कोष को भी मजबूती मिलेगी। हालांकि, नियोक्ताओं की प्रति कर्मचारी लागत बढ़ना तय है।
यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है, लेकिन लागू होते ही इसका प्रभाव देशभर के कर्मचारियों के आर्थिक भविष्य पर बड़ा असर डालेगा।
