जबलपुर। शहर में अचानक खड़े हुए एलपीजी संकट ने आम लोगों की रसोई से लेकर होटल-ढाबों तक की सप्लाई व्यवस्था चरमरा दी है। जिन ट्रकों से जबलपुर को सिलेंडर मिलना था, उन्हें कंपनियों ने सीधे भोपाल डाइवर्ट कर दिया। नतीजा—कई गैस एजेंसियों में सुबह से लेकर शाम तक ‘सप्लाई खत्म’ के बोर्ड टंगे रहे और उपभोक्ता घंटों कतार में खड़े होकर भी सिलेंडर नहीं पा सके।
गैस बुक करने वाले उपभोक्ता 2–3 दिन से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन डिलीवरी का कोई भरोसा नहीं। जिन एजेंसियों में थोड़ा-बहुत स्टॉक पहुंचा, वहां केवल लाइन में लगे लोगों को ही रिफिल दिया जा रहा है। स्थिति हर घंटे बिगड़ती जा रही है।
क्या है संकट की वजह?
सूत्रों के अनुसार हिंदुस्तान पेट्रोलियम सहित कुछ कंपनियों ने मिंटो रोड रिफिलिंग पॉइंट से आने वाले कई ट्रकों को अचानक भोपाल भेज दिया।
शहर की मांग रोजाना लगभग 18–20 हजार सिलेंडर की है, जबकि पिछले दो दिनों में मुश्किल से कुछ हजार सिलेंडर ही मिल पाए।
दमोह नाका, मदन महल, गोरखपुर, राइट टाउन सहित कई इलाकों में सुबह से लंबी कतारें लगी रहीं।
उपभोक्ताओं का कहना है—“पहले कभी इतना बड़ा गैस संकट नहीं देखा।”
एक नजर में स्थिति
जबलपुर में एलपीजी की सप्लाई अचानक घटी
कंपनियों ने कई रिफिल ट्रक भोपाल डायवर्ट किए
उपभोक्ताओं को 2–3 दिन बाद भी रिफिल नहीं
हजारों लोग कतार में, हालात लगातार बिगड़ते
उपभोक्ताओं की परेशानी
रसोई का काम बंद, होटल और ढाबों की सप्लाई प्रभावित
गैस एजेंसियों के फोन बंद, लोग जानकारी के लिए भटकते
घंटों लाइन में बुजुर्ग और महिलाएं परेशान
निजी रिटेलर्स पर मनमानी वसूली के आरोप
प्रशासन क्या कह रहा है?
राजधर साकेत, प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक ने बताया—
“गैस सिलेंडर की कमी की जानकारी हमें भी मिली है। कंपनियों ने भोपाल में बढ़ी मांग के कारण कुछ ट्रक वहां भेजे हैं। सप्लाई सामान्य करने के लिए बात की गई है, उम्मीद है कि अगले 24 घंटे में स्थिति सुधरेगी।”
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