जबलपुर।नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाला खेल सामने आया है। जरूरतमंद मरीजों की मजबूरी को बाज़ार बना देने वाला “खून की दलाली” का गोरखधंधा फिर बेनकाब हुआ है। पुलिस ने इस मामले में एक और आरोपी अंशुल अवस्थी को गिरफ्तार किया है, जो शास्त्री नगर का निवासी बताया जा रहा है।
यह वही मामला है, जिसमें कुछ दिन पहले मेडिकल अस्पताल के सुरक्षा कर्मियों ने एन्ड्रयू जार्ज और जॉन्सन फ्रांसिस को रंगे हाथों पकड़ा था। तीनों आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं, जबकि इनके नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की तलाश तेज़ कर दी गई है।
शहपुरा झांसीघाट निवासी अरविंद सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी पत्नी अंजू सिंह मेडिकल के स्त्री रोग विभाग में भर्ती थीं और उन्हें रक्त की तत्काल आवश्यकता थी। तभी अंशुल अवस्थी नाम के युवक ने उनसे संपर्क कर ब्लड बैंक से तुरंत खून दिलाने का भरोसा दिलाया। उसने कहा कि सामान्य प्रक्रिया में चार से पांच दिन लगेंगे, लेकिन वह 2 हजार रुपए में तुरंत व्यवस्था करा देगा। अरविंद सिंह उसकी बातों में आ गए और पैसे दे दिए, मगर आरोपी रकम लेकर फरार हो गया।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि पहले पकड़े गए आरोपी एन्ड्रयू जार्ज और जॉन्सन फ्रांसिस लंबे समय से मेडिकल परिसर में इसी तरह का गोरखधंधा चला रहे थे। ये लोग जरूरतमंद मरीजों को झांसा देकर उनसे पैसे वसूलते थे। कभी घटिया रक्त उपलब्ध कराते, तो कभी रकम लेकर गायब हो जाते। सूत्रों के मुताबिक, इस गिरोह का नेटवर्क 100 से ज्यादा लोगों तक फैला हुआ है, जो अस्पताल परिसर में सक्रिय हैं।
फिलहाल पुलिस ने अंशुल अवस्थी, एन्ड्रयू जार्ज और जॉन्सन फ्रांसिस के खिलाफ धोखाधड़ी और दलाली से जुड़ी धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अब मेडिकल परिसर के भीतर सक्रिय दलालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।

