छिंदवाड़ा में दर्दनाक घटना: जुन्नारदेव अस्पताल में जन्मे चारों नवजातों की मौत, कुपोषण बना बड़ी वजह



छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव अस्पताल में एक दिन पहले जन्मे चारों नवजातों की मौत हो गई। हालत बिगड़ने पर बच्चों को जिला अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन दो नवजातों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया, जबकि शेष दो ने छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में अंतिम सांस ली। घटना के बाद क्षेत्र में शोक और चिंता का माहौल है। फिलहाल प्रसूता की हालत स्थिर बताई जा रही है।

डॉक्टरों के अनुसार अस्पताल में भर्ती कराए गए दो नवजातों में एक बालिका का वजन 600 ग्राम और एक बालक का वजन मात्र 350 ग्राम था। अत्यधिक कम वजन के कारण दोनों के फेफड़े और अन्य महत्वपूर्ण अंग पूरी तरह विकसित नहीं हो पाए थे। सांस लेने में गंभीर परेशानी के चलते पहले बालिका ने देर रात दम तोड़ा, जबकि बालक ने आज तड़के करीब 4 बजे अंतिम सांस ली। चिकित्सकों का कहना है कि जुन्नारदेव क्षेत्र में कुपोषण एक बड़ी चुनौती है और यहां कम वजन के बच्चों के जन्म के मामले अक्सर सामने आते हैं। सामान्य तौर पर नवजात का वजन 2 किलो या उससे अधिक होता है।

सातवें महीने में करानी पड़ी डिलीवरी

जुन्नारदेव के ग्राम रोराढ़ेकनी माल निवासी गुन्नो पति जगर सिंह को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार को जुन्नारदेव अस्पताल लाया गया था। गर्भावस्था के सातवें महीने में महिला की हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने तत्काल डिलीवरी कराने का निर्णय लिया। बीएमओ डॉ. सुरेश नागवंशी और डॉ. रोमा मूलचंदानी की टीम ने सुरक्षित नॉर्मल डिलीवरी कराई। नवजातों की नाजुक स्थिति को देखते हुए उन्हें 108 एंबुलेंस से छिंदवाड़ा रेफर किया गया, लेकिन जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही दो बच्चों की मौत हो गई। मामले ने एक बार फिर क्षेत्र में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और कुपोषण की गंभीर समस्या को उजागर कर दिया है।

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