बच्चों में संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामलों से हड़कंप, प्रदेश में सभी ब्लड सेंटरों की 5 दिन में ऑडिट रिपोर्ट तलब


प्रदेश में बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने के गंभीर मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गया है। आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा ने इस पूरे मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए प्रदेश के सभी शासकीय और निजी ब्लड सेंटरों की व्यापक और सख्त जांच के निर्देश जारी किए हैं।

राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में आयुक्त ने साफ शब्दों में कहा कि रक्त की गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, खासकर बच्चों की जान से जुड़ा यह मामला बेहद संवेदनशील है। बैठक में निर्देश दिए गए कि प्रदेश के सभी ब्लड सेंटरों का ऑडिट कर 5 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट ड्रग कंट्रोलर को अनिवार्य रूप से भेजी जाए। साथ ही ब्लड सेंटर के लाइसेंस नवीनीकरण या नए लाइसेंस के लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना भी अनिवार्य किया गया है।

आयुक्त ने स्पष्ट किया कि जांच केवल शासकीय ही नहीं, बल्कि निजी ब्लड सेंटरों और उनसे जुड़े ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की गाइडलाइंस, एसओपी और एसएमपी के अनुपालन पर भी होगी। ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 और नियमावली 1945 का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। मानकों की अनदेखी या रिकॉर्ड में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित ब्लड सेंटर को तत्काल बंद किया जाएगा और निजी ब्लड सेंटरों से एमओयू के जरिए सेवाएं ली जाएंगी।

बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि किसी भी परिस्थिति में पेड या पेशेवर रक्त दाताओं से रक्त संग्रह की अनुमति नहीं होगी। रक्त संग्रह केवल स्वैच्छिक रक्तदान और अधिकृत रक्तदान शिविरों के माध्यम से ही किया जाएगा। इसके लिए एनजीओ, शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक संगठनों, पुलिस और सैन्य इकाइयों को अभियान से जोड़ा जाएगा।

रक्त जांच को और सटीक बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों के प्रयोग पर भी जोर दिया गया है। हेपेटाइटिस, एचआईवी सहित अन्य संक्रमणों की जांच के लिए ईएलआईएसए तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जबकि इमरजेंसी परिस्थितियों में ही फास्ट टेस्ट किट का सीमित उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।

आयुक्त ने थैलेसीमिया मरीजों के लिए दवाइयों, ब्लड कंपोनेंट्स और रक्तदान सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ आपातकालीन दवाओं, जांच किट और मेडिकल ऑक्सीजन की व्यवस्था की भी समीक्षा करने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य विभाग ने दो टूक चेतावनी दी है कि प्रदेश में पेड रक्तदाताओं से रक्त संग्रह पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। नियमों का उल्लंघन सामने आने पर संबंधित ब्लड सेंटर के खिलाफ सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेशभर में शुरू की गई इस सख्त कार्रवाई का उद्देश्य साफ है—मरीजों को सुरक्षित, शुद्ध और मानकों के अनुरूप रक्त उपलब्ध कराना और भविष्य में किसी भी तरह की रक्त से जुड़ी लापरवाही पर पूरी तरह अंकुश लगाना।

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