साल की अंतिम लोक अदालत से पहले न्यायालयों में तैयारियों का हाइअलर्ट मोड



जबलपुर। वर्ष की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा व्यापक तैयारी की जा रही है, ताकि अधिक से अधिक पक्षकार और अधिवक्ता इस सुविधा का लाभ उठा सकें। आगामी शनिवार को होने वाली इस लोक अदालत के लिए प्रशासन और न्यायपालिका मिलकर समन्वय कर रहे हैं। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों के अनुसार सभी जिलों में तैयारियाँ अंतिम चरण में पहुँच चुकी हैं।लोक अदालत की विशेषता यह है कि इसमें न कोई जीतता है और न कोई हारता। समझौते के आधार पर दोनों पक्षों को त्वरित और कम खर्च में न्याय मिलता है। इसी उद्देश्य से प्राधिकरण अधिक से अधिक मामलों को लोक अदालत में लाने के लिए पक्षकारों और अधिवक्ताओं को प्रेरित कर रहा है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सूत्रों ने बताया कि इस बार एक लाख सात हजार से अधिक लंबित प्रकरणों को लोक अदालत के लिए चिन्हित किया गया है। इनमें राजस्व, विद्युत, बैंक, बीमा, वाहन दुर्घटना दावों सहित अनेक श्रेणियों के मामले शामिल हैं। साथ ही बड़ी संख्या में प्री-लिटिगेशन मामलों को भी सुनवाई हेतु रखा गया है, ताकि विवाद प्रारंभ होने से पहले ही समझौते की राह निकाली जा सके।

पेंडिंग मामलों का निराकरण तेज़ हो

इससे पहले मार्च, मई और सितंबर में भी लोक अदालतें आयोजित की गई थीं, जिनमें लाखों मामले निपटाए गए थे। इस बार हाईकोर्ट की मुख्यपीठ सहित इंदौर और ग्वालियर खंडपीठों में भी विभिन्न खंडपीठों का गठन किया गया है। अधीनस्थ न्यायालयों में भी लोक अदालत की पीठें गठित कर दी गई हैं। प्राधिकरण का उद्देश्य है कि वर्षांत से पहले अधिकतम विवादों का निपटारा कर लोगों को राहत दी जाए और न्यायालयों पर लंबित मामलों का बोझ कम किया जा सके।

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