जबलपुर।साइबर अपराधी लगातार ठगी के नए-नए तरीके अपनाकर आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। कभी बैंक अधिकारी बनकर, तो कभी ऑनलाइन शॉपिंग डिलीवरी के बहाने लोगों की निजी जानकारी हासिल की जा रही है। गढ़ा थाना क्षेत्र से सामने आए एक ताज़ा मामले में साइबर ठगों ने एक महिला का मोबाइल हैक कर उसके रिश्तेदारों से पैसों की मांग शुरू कर दी, हालांकि पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से बड़ी ठगी टल गई।
बैंक अधिकारी बनकर रची गई साजिश
गढ़ा क्षेत्र निवासी रश्मि केवट को एक अज्ञात कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक अधिकारी बताते हुए कहा कि फ्लिपकार्ट का एक पार्सल डिलीवर होना है, लेकिन डिलीवरी बॉय महिला से संपर्क नहीं कर पा रहा है। इसी बहाने जालसाज ने महिला को एक नंबर मैसेज किया और उस पर कॉल करने के लिए कहा।
कॉल करते ही मोबाइल हुआ हैक
जैसे ही महिला ने बताए गए नंबर पर कॉल किया, उसका मोबाइल फोन हैक हो गया। इसके बाद साइबर ठग ने महिला के मोबाइल से उसके रिश्तेदारों और परिचितों को कॉल करना शुरू कर दिया और पैसों की मांग करने लगा। इतना ही नहीं, महिला के नंबर पर आने वाली सभी कॉल्स भी ठग के पास फॉरवर्ड होने लगीं।
परिजनों से पैसों की मांग का खुलासा, थाने पहुंची महिला
जब महिला को अपने रिश्तेदारों से इस तरह के कॉल्स की जानकारी मिली, तो वह घबरा गई और तत्काल गढ़ा थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए गढ़ा थाना प्रभारी शैलेंद्र पाटकर ने तुरंत जांच शुरू कराई।
कॉल फॉरवर्डिंग से की जा रही थी ठगी
पुलिस जांच में सामने आया कि साइबर ठगों ने महिला के मोबाइल में कॉल फॉरवर्डिंग का कोड एक्टिवेट कर दिया था। इसी तकनीक के जरिए महिला के फोन पर आने वाली सभी कॉल्स ठगों तक पहुंच रही थीं। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए महिला के मोबाइल में एक्टिवेट कॉल फॉरवर्डिंग ऑप्शन को तत्काल निष्क्रिय कर दिया।
पुलिस की सतर्कता से टली बड़ी ठगी
समय रहते कॉल फॉरवर्डिंग बंद होने से साइबर ठगों की योजना नाकाम हो गई और महिला सहित उसके रिश्तेदार आर्थिक नुकसान से बच गए। फिलहाल पुलिस साइबर ठगों की पहचान और नेटवर्क तक पहुंचने के लिए तकनीकी जांच कर रही है।
