जबलपुर।अनेक संगीन वारदातों में शामिल मुख्य आरोपी अमित खम्परिया पुलिस जांच को लगातार गुमराह कर रहा है। 10 दिन की लंबी पुलिस रिमांड पूरी होने के बावजूद पुलिस अब तक उन हथियारों तक नहीं पहुंच पाई है, जिनका इस्तेमाल अलग-अलग आपराधिक घटनाओं में किया गया था। पूछताछ के दौरान खम्परिया ने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि जिन लोगों को उसने बंदूकें दी थीं, उनकी मौत हो चुकी है। आरोपी के इस बयान ने जांच को और उलझा दिया है।
हथियारों की बरामदगी बनी बड़ी चुनौती
पूरे मध्य प्रदेश में बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम देने वाले इस गिरोह से पुलिस अब तक न तो अवैध हथियार बरामद कर पाई है और न ही लाइसेंसी बंदूकें। जांच एजेंसियों के अनुसार खम्परिया जानबूझकर पुलिस को चकमा दे रहा है—कभी सतना जैसे शहरों में हथियार छुपाने की बात कहता है, तो कभी मृत व्यक्तियों का नाम लेकर पल्ला झाड़ लेता है। पुलिस का मानना है कि यदि इन बंदूकों की बरामदगी हो जाती है तो कई अनसुलझे मामलों की परतें खुल सकती हैं।
टोल प्लाजा पार्टनरशिप के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा
पूछताछ में टोल प्लाजा पार्टनरशिप को लेकर बड़े फर्जीवाड़े का भी खुलासा हुआ है। खम्परिया ने बताया कि एक स्टाम्प वेंडर, जो खुद को ‘नेता’ बताता है, उसके साथ मिलकर लोगों को ठगता था। एनएचएआई के नियमों के विरुद्ध स्टाम्प पर अवैध पार्टनरशिप डीड तैयार की गई। सामने आया है कि जिस स्टाम्प वेंडर का लाइसेंस किसी महिला के नाम पर है, वह खुद को खम्परिया का पार्टनर बताकर पीड़ितों से मोटी रकम वसूलता था। झारखंड और उत्तर प्रदेश के पीड़ितों ने भी पुष्टि की है कि इसी कार्यालय में बैठकर फर्जीवाड़ा किया गया, जिससे राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा।
फिलहाल, खम्परिया के जेल भेजे जाने के बाद पुलिस इस पूरे नेटवर्क से जुड़े अन्य चेहरों, आर्थिक लेन-देन और आपराधिक कड़ियों को जोड़ने में जुटी है। जांच एजेंसियों का कहना है कि आने वाले दिनों में मामले में और बड़े खुलासे संभव हैं।
