जबलपुर।रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (आरडीवीवी) के आवासी संपरीक्षा (ऑडिट) विभाग में कार्यरत महिला अधिकारी के चेंबर में एक कर्मचारी के जबरन प्रवेश का मामला अब गंभीर रूप लेता जा रहा है। विभाग के अधिकारियों ने इसे न केवल शासकीय कार्य में बाधा, बल्कि सुरक्षा से जुड़ा गंभीर विषय बताते हुए कुलगुरू प्रो. राजेश वर्मा को लिखित शिकायत सौंपी है। हालात यह हैं कि दहशत के माहौल का हवाला देते हुए आवासी संपरीक्षा दल ने गुरुवार से कार्यालय आना बंद कर दिया है और स्पष्ट किया है कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन लिखित रूप से सुरक्षा का आश्वासन नहीं देता, तब तक कार्य करना संभव नहीं होगा।
सहायक संचालक आवासी संपरीक्षा द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार 17 दिसंबर की दोपहर करीब 4 बजे वे संपरीक्षा कक्ष में मौजूद थीं। इस दौरान महेंद्र श्रीवास्तव से जुड़े एक न्यायालयीन प्रकरण में मांगी गई जानकारी को लेकर कुलगुरू के निज सचिव जितेंद्र तिवारी से चर्चा चल रही थी। तभी जमुना मिश्रा द्वारा अनाधिकृत रूप से कक्ष में प्रवेश किया गया। महिला अधिकारी और ज्येष्ठ संपरीक्षक द्वारा बाहर जाने को कहे जाने के बावजूद कुछ समय बाद 20 से 25 कर्मचारियों का समूह संपरीक्षा कक्ष में घुस आया और एक विशेष देयक को पारित कराने के लिए दबाव बनाते हुए शोर-शराबा और गहमागहमी की स्थिति पैदा कर दी। शिकायत में इसे संपरीक्षा कार्य में सीधी बाधा और अधिकारियों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा बताया गया है।
आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस तरह की घटनाएं पूर्व में भी हो चुकी हैं। आवासी संपरीक्षा दल का कहना है कि विश्वविद्यालय परिसर में ही यदि अधिकारियों के चेंबर सुरक्षित नहीं हैं तो निष्पक्ष और निर्बाध संपरीक्षा कैसे संभव है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सुरक्षा की ठोस व्यवस्था और लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद ही संपरीक्षा कार्य पुनः शुरू किया जाएगा। अब यह मामला विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यसंस्कृति और कर्मचारियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
