GST रिश्वत कांड में बड़ा अपडेट: आरोपी कोर्ट में पेश, CBI को मिली रिमांड

 


जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में भ्रष्टाचार के विरुद्ध सीबीआई ने एक बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की है। केंद्रीय जीएसटी विभाग के तीन अधिकारियों को एक होटल व्यवसायी से लाखों रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपियों में अधीक्षक मुकेश बर्मन, असिस्टेंट कमिश्नर विवेक वर्मा और इंस्पेक्टर सचिन खरे शामिल हैं। गुरुवार को सीबीआई की विशेष टीम ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहाँ से उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी की जा रही है। ​कोर्ट में पेशी के दौरान सीबीआई ने दलील दी कि इस कांड के पीछे अन्य कड़ियों और भ्रष्टाचार के नेटवर्क का पता लगाना जरूरी है, इसलिए आरोपियों की रिमांड अनिवार्य है। इस कार्रवाई से विभाग के अन्य भ्रष्ट अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

​1 करोड़ का टैक्स नोटिस और 10 लाख की डिमांड

​पूरा मामला शहर के प्रसिद्ध होटल संचालक विवेक त्रिपाठी से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार, सीजीएसटी के इन अधिकारियों ने त्रिपाठी के होटलों के लेन-देन और दस्तावेजों की जांच की थी। व्यवसायी का कहना है कि उनके सभी टैक्स रिकॉर्ड सही थे, लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों ने डरा-धमकाकर उन पर 1 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी निकाल दी। इस भारी-भरकम टैक्स से राहत दिलाने और मामले को दबाने के एवज में अधिकारियों ने व्यवसायी से 10 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की।परेशान होकर होटल संचालक ने इसकी शिकायत सीबीआई से की। सीबीआई ने शिकायत की पुष्टि की और आरोपियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। इस दौरान अधिकारियों और व्यवसायी के बीच सौदेबाजी हुई।

रँगे हाथ गिरफ्तारी,डिजिटल सबूत जुटाए

​सीबीआई की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से काम किया। जैसे ही विवेक त्रिपाठी ने रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 4 लाख रुपये अधिकारियों को सौंपे, पास में ही तैनात सीबीआई की टीम ने दबिश देकर विवेक वर्मा,मुकेश बर्मन और सचिन खरे को दबोच लिया। अधिकारियों के पास से रिश्वत की राशि बरामद की गई है। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई की टीम ने सीजीएसटी कार्यालय में भी छापेमारी की और वहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए।

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