ग्वालियर।मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। शादी से महज 15 दिन पहले अधिवक्ता मृत्युंजय चौहान ने अपने किराए के मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृत्युंजय की 30 दिसंबर को मुरैना में पदस्थ एक महिला सब-इंस्पेक्टर से शादी तय थी। परिजनों का आरोप है कि प्रेम में धोखा, प्रेमिका से जुड़ा विवाद और लगातार मानसिक दबाव इस आत्मघाती कदम की वजह बने।
जानकारी के मुताबिक, आदर्शपुरम में रहने वाले मृत्युंजय चौहान पेशे से वकील थे और साथ-साथ पीएचडी भी कर रहे थे। बीते पांच वर्षों से उनका मुरैना में पदस्थ महिला सब-इंस्पेक्टर से प्रेम संबंध था। हाल ही में जब वह प्रेमिका से मिलने पहुंचे, तो कथित तौर पर उन्होंने उसे किसी अन्य पुलिसकर्मी के साथ कमरे में देखा। इसी बात को लेकर दोनों के बीच तीखा विवाद हुआ, जो हाथापाई तक पहुंच गया। परिजनों का कहना है कि इस घटना के बाद से ही मृत्युंजय गहरे अवसाद में चले गए थे।
परिजनों ने बताया कि विवाद के बाद मृत्युंजय ने थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। इसी बीच उसने अपनी मां को फोन कर रोते हुए पूरी घटना बताई थी। परिजन उसे समझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन वह सदमे से उबर नहीं सका। बीती शाम उसने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। विजयपुर से बेटे से मिलने ग्वालियर पहुंचे परिजनों को जब इस घटना की जानकारी मिली, तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
मृत्युंजय के सुसाइड से पहले लगाए गए सोशल मीडिया स्टेटस ने भी सभी को झकझोर दिया है। स्टेटस में हालिया फिल्म ‘तेरे इश्क में’ का चर्चित संवाद लिखा था— “प्रेम में मृत्यु है, लेकिन मुक्ति नहीं है।” बताया जा रहा है कि इस स्टेटस पर प्रेमिका की ओर से ‘ब्लेस’ का कमेंट भी किया गया था।
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को फांसी से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। जब पुलिस ने मृतक का कड़ा, चेन और ताबीज उसकी मां को सौंपे, तो वह फूट-फूटकर रो पड़ीं। मां का आरोप है कि बेटे ने अपने हिस्से की रकम से ग्वालियर में दो प्लॉट भी प्रेमिका के नाम खरीदे थे। उनका कहना है कि सब कुछ सामान्य लग रहा था, किसी तरह के धोखे का अंदेशा नहीं था।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिजनों की शिकायत और लगाए गए आरोपों के आधार पर आगे की कार्रवाई की बात कही जा रही है।
