राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस पर जबलपुर केंद्रीय जेल से 32 कैदी होंगे रिहा, 9 आदिवासी भी शामिल

 


जबलपुर। मध्यप्रदेश सरकार ने एक नई पहल के तहत हर वर्ष 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर राज्य की जेलों में अच्छे आचरण वाले आजीवन कारावासियों को समय से पूर्व रिहा करने की परंपरा शुरू की जा रही है।


इस वर्ष जबलपुर केंद्रीय जेल से 32 कैदियों को सजा में छूट दी जाएगी। इनमें से 9 कैदी आदिवासी समुदाय से हैं और सभी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। जेल प्रशासन ने इन कैदियों के आचरण को संतोषजनक पाया है, जिसके बाद 15 नवंबर को इनकी रिहाई की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
अब साल में पाँच अवसरों पर सजा में राहत

मध्यप्रदेश शासन के जेल विभाग ने 7 नवंबर 2025 को आदेश जारी करते हुए यह नई नीति लागू की है। इस निर्णय के साथ मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहाँ साल में पाँच विशेष अवसरों पर उम्रकैद की सजा पाए कैदियों को दंड में छूट देकर रिहा किया जाएगा।

राज्य शासन ने इस पहल के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 432, 433, 433(क) तथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 473, 474, 475 का उपयोग किया है। नई नीति में अब 15 नवंबर (राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस) को भी शामिल किया गया है।

इस निर्णय का उद्देश्य सुधारात्मक न्याय की भावना को मजबूत करना और अच्छे आचरण वाले कैदियों को पुनः समाज की मुख्यधारा में लौटने का अवसर देना है।

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