सरकारी योजना बनी सज़ा: आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का परिवार रात भर कैद, सुबह प्रशासन ने हटवाया ताला

 


मंडला। एमपी के मंडला स्थित ग्राम भडिय़ा नैनपुर में एक बगिया मां के नाम योजना एक परिवार के लिए विवाद का कारण बन गई। योजना के तहत किए गए पौधरोपण और फेंसिंग को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एक अन्य हितग्राही के बीच वर्षों से चले आ रहे भूमि विवाद पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के परिवार को रातभर घर में कैद रहना पड़ा।        

  इस मामले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जयंती मरावी ने बताया कि उन्होंने लगभग दस साल पहले सरकारी जमीन पर मकान बनाकर रहना शुरू किया था। उनका आरोप है कि बाद में ग्राम पंचायत की सहमति से यह भूमि अंतराम पिता महेश नामक ग्रामीण को आवंटित कर दी गई। इसी विवादित भूमि पर एक बगिया मां के नाम योजना का लाभ भी उसे दे दिया गया, जबकि यह मामला वर्तमान में सिविल कोर्ट में विचाराधीन है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का आरोप है कि बिना किसी न्यायिक आदेश के उनके घर के चारों ओर कांटेदार तार से फेंसिंग कर दी गई, मुख्य गेट पर बाहर से ताला लगा दिया गया। इसके कारण आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, उनके बच्चे और पूरा परिवार रातभर घर के भीतर कैद रहा। मामले की शिकायत मिलने पर नायब तहसीलदार पूजा राणा, पुलिस और पंचायत अमला मौके पर पहुंचा। तहसीलदार पूजा राणा ने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह सामने आया कि घर पर ताला लगाना मानवीय रूप से गलत था। प्रशासन और बम्हनी थाना पुलिस की मौजूदगी में गेट का ताला तोड़ा गया और घर के सामने लगाई गई तार फेंसिंग हटाई गई। प्रशासन ने दूसरे पक्ष को स्पष्ट निर्देश दिए कि मामला न्यायालय में लंबित है और आगे की कार्रवाई न्यायालय के निर्णय के अनुसार ही होगी। प्रशासनिक हस्तक्षेप से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और उनके परिवार को तत्काल राहत मिली।

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