100% महिला आरक्षण को चुनौती, सरकार से मांगा जवाब
जबलपुर। मध्य प्रदेश के सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में फैकल्टी पदों पर की गई भर्ती अब संवैधानिक बहस का मुद्दा बन गई है। जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका (PIL) के जरिए इन पदों पर महिलाओं को दिए गए 100 फीसदी आरक्षण को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि पूरी भर्ती को केवल एक ही लिंग के लिए आरक्षित करना समानता के अधिकार और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने स्पष्ट सवाल किया है कि आखिर किस नियम या प्रावधान के तहत इन पदों पर केवल महिलाओं को ही अवसर दिया गया और पुरुष उम्मीदवारों को पूरी तरह बाहर रखा गया।
286 पद, सभी चयनित महिलाएं
याचिका में बताया गया है कि प्रदेश के सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में कुल 286 फैकल्टी पदों पर नियुक्तियां की गई हैं और इनमें सभी चयनित उम्मीदवार महिलाएं हैं। याचिकाकर्ता का तर्क है कि शत-प्रतिशत आरक्षण किसी भी स्थिति में संवैधानिक कसौटी पर खरा नहीं उतरता और यह अवसरों की समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है।
5 जनवरी को अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने इस पूरे विवाद में राज्य सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सरकार के जवाब के आधार पर ही यह तय होगा कि यह भर्ती प्रक्रिया वैध ठहराई जाएगी या नहीं। मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को निर्धारित की गई है।
अब सबकी निगाहें सरकार के पक्ष और कोर्ट के अगले रुख पर टिकी हैं।
